Anam

लाइब्रेरी में जोड़ें

कबीर दास जी के दोहे



साधू भूखा भाव का, धन का भूखा नाही
धन का भूखा जो फिरे, सो तो साधू नाही।। 

अर्थ :

कबीरदास जी कहते हैं कि संत केवल भाव व ज्ञान की इच्छा रखते हैं। उन्हें धन का कोई लोभ नहीं होता। जो व्यक्ति साधू बनकर भी धन-संपत्ति के पीछे भागता है, वह संत नहीं हो सकता।

   1
0 Comments